उमस के कारण धान की अगेती फसल में पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप, समय रहते उपचार कर लें किसान
हरियाणा में धान की अगेती फसल पर पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप बढ़ रहा है। उमस भरे मौसम के कारण इस कीड़े से फसल को भारी नुकसान हो सकता है। समय पर कीटनाशक का छिड़काव करके फसल की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
उमस भरे मौसम में धान की फसल पर पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप, तुरंत करें उपचार
पौधों की जड़ें कमजोर, फसल को गंभीर नुकसान की आशंका
हरियाणा में धान की अगेती फसल पर पत्ता लपेट सुंडी का हमला हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, उमस भरे मौसम के कारण यह कीड़ा फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। अभी तक प्रदेश में लगभग 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर अगेती फसल की रोपाई की गई है, लेकिन इस दौरान पौधों की जड़ें पूरी तरह से मजबूत नहीं हो पाई हैं, जिससे कीड़े के प्रकोप का खतरा और भी बढ़ गया है। कृषि विशेषज्ञों ने समय रहते किसानों को इस कीड़े से निपटने के लिए अलर्ट किया है।
पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप: जल्द करें नियंत्रण
पत्ता लपेट सुंडी नामक कीड़े के प्रकोप से धान के पत्ते सफेद होने लगते हैं और यह कीड़ा धीरे-धीरे तने में छेद कर देता है। इससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर गंभीर असर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर इस कीड़े पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो फसल को भारी नुकसान हो सकता है। इस समस्या से निपटने के लिए टोमोमी और फरटेरा जैसे कीटनाशकों के उपयोग की सलाह दी गई है।
कीटनाशक | उपयोग की मात्रा | पानी की मात्रा | छिड़काव क्षेत्र |
---|---|---|---|
टोमोमी | 50 ग्राम | 200 लीटर | 1 एकड़ |
फरटेरा | 5 किलोग्राम | 200 लीटर | 1 एकड़ |
कीटनाशक के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश: 50 ग्राम टोमोमी को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में छिड़काव करें। इसके अलावा, 5 किलोग्राम फरटेरा को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से पत्ता लपेट सुंडी की रोकथाम में मदद मिलेगी।
उमस और कीड़े के प्रकोप का सीधा संबंध
कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. रामकरण बताते हैं कि कम बारिश और बढ़ती उमस के कारण पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप बढ़ता है। इस वर्ष जुलाई के महीने से बारिश कम होने के कारण उमस का स्तर बढ़ गया है, जिससे इस कीड़े के पनपने के लिए अनुकूल माहौल बन गया है। यह कीड़ा न केवल धान के पत्तों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि तनों में छेद कर फसल को चट कर जाता है।
कृषि विशेषज्ञों की सलाह और सुझाव
विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे नियमित रूप से अपने खेतों की निगरानी करें और अगर पत्ता लपेट सुंडी के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत कीटनाशकों का छिड़काव करें। इसके अलावा, किसानों को अपनी फसलों की समय-समय पर सिंचाई करते रहना चाहिए ताकि पौधों की जड़ें मजबूत बनी रहें। अच्छी सिंचाई और कीटनाशकों के उपयोग से इस कीड़े के प्रकोप को रोका जा सकता है और फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बचाया जा सकता है।
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ध्यान देने योग्य तथ्य:
- फसल की सुरक्षा: धान की फसल को पत्ता लपेट सुंडी से बचाने के लिए समय पर कीटनाशक का छिड़काव अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- उमस का प्रभाव: कम बारिश और बढ़ती उमस की स्थिति इस कीड़े के पनपने के लिए अनुकूल मानी जाती है।
- निरंतर निगरानी: फसल की नियमित निगरानी करके कीड़े के शुरुआती प्रकोप को रोका जा सकता है।